4 जुलाई से शुरू होगा सावन : डाक्टर आचार्य सुशांत राज

डाक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डाक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत बड़ा महत्व है. इस मास में भगवान शिव की सबसे ज्यादा पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। शिव पुराण के अनुसार शंकर भगवान सावन माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सावन के महीने का शिव भक्तों को हमेशा इंतजार रहता है। लेकिन, इस बार का सावन बेहद खास रहने वाला है। इस बार सावन का महीना 2 महीने का होने वाला है। यह सावन 04 जुलाई 2023, मंगलवार से शुरू होगा और 31 अगस्त 2023, गुरुवार को समाप्त होगा।

सावन पर बनने जा रहा है दुर्लभ संयोग :- डाक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार सावन की शुरुआत 04 जुलाई से होने जा रही है। सावन 04 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेंगे। यानी कि सावन का महीना इस बार 58 दिनों का रहेगा। यह संयोग लगभग 19 वर्षों बाद बना है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार अधिकमास के कारण सावन 2 महीने का पड़ रहा है। अधिकमास की शुरुआत 18 जुलाई से होगी और 16 अगस्त इसका समापन होगा।

सावन सोमवार की तिथियां :-

सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई

सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई

सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई

सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई

सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त

सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त

सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त

सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त

सावन सोमवार पूजा विधि :-

सावन सोमवार के दिन सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।

अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प लें।

सभी देवताओं पर गंगा जल चढ़ाएं।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें।

भोलेनाथ को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं।

सामग्री चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः का जाप करें और चंदन का तिलक लगाएं।

सावन के सोमवार के व्रत के दिन सोमवार के व्रत की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए और अंत में आरती करनी चाहिए।

भगवान शिव को प्रसाद के रूप में घी और चीनी का भोग लगाएं।

 

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