देहरादून, 3 सितम्बर। मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के तत्वावधान में राजकीय पॉलिटेक्निक, रानी पोखरी में एक विशेष नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्र -छात्राओं को नशा न करने का संकल्प दिलाया गया और संकल्प पत्र भरवाए गए। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले टॉपर छात्र-छात्राओं को संगठन की ओर से गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में मानवाधिकार संगठन के नए पोस्टर का विमोचन भी किया गया। विशेष बात यह रही कि राजकीय पॉलिटेक्निक प्रबंधन द्वारा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सचिन जैन को संस्थान का नशा मुक्ति नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री सचिन जैन ने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड की इस पवित्र धरती पर आप सबके सामने खड़ा होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। दुर्भाग्यवश, हमारी संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के बीच आज नशाखोरी की एक गंभीर छाया पड़ रही है, जो हमारे युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है।” उन्होंने बताया कि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति चिंताजनक स्तर तक बढ़ रही है, जिसमें शराब, भांग और यहां तक कि चिकित्सकीय दवाओं का भी दुरुपयोग हो रहा है। श्री जैन ने इसे केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य का संकट बताया, जिसमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है।कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन ने कहा कि हमें स्कूलों और कॉलेजों में नियमित नशा मुक्ति जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए, जिनमें मनोचिकित्सकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाए। साथ ही ‘पीयर सपोर्ट ग्रुप’, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना भी इस दिशा में एक कारगर कदम होगा। उन्होंने माता-पिता को भी इस समस्या के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में विनोद डोभाल ने कहा, “यह लड़ाई अकेले नहीं लड़ी जा सकती। हम सब मिलकर ही इस लहर को रोक सकते हैं और उत्तराखंड की पवित्रता को बहाल कर सकते हैं।” इस सार्थक पहल के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि समाज को नशे के विरुद्ध एकजुट होकर खड़ा होना होगा और युवाओं को स्वस्थ, सकारात्मक और रचनात्मक मार्ग की ओर प्रेरित करना होगा। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार सिंह अरविंद कुमार एवं समस्त शिक्षक गण उपस्थित रहे।