गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा के जयकारों से गूंज रहा उत्तराखंड

देहरादून, 27 अगस्त। गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे उत्तराखंड राज्य में अपार भक्ति, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें ज्ञान, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। गजानन, एकदंत, वक्रतुंड, सिद्धि विनायक जैसे कई नामों से पूजे जाने वाले बप्पा का आगमन भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है। दस दिवसीय पर्व खास तौर पर महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन आज पूरे भारत में इसकी रौनक देखने को मिलती है। भक्त इन दिनों घर-घर गणेश जी की स्थापना करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और बप्पा से सुख, शांति व सफलता की कामना करते हैं। गणेश चतुर्थी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और शुभता का प्रतीक है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाले विघ्न दूर होते हैं, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, कार्यों में सफलता मिलती है, घर का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, इसलिए उनकी पूजा से सभी कष्टों और बाधाओं का नाश होता है।