भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
हरिद्वार 3 अक्टूबर। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में विजयादशमी के अवसर पर आयोजित रामलीला मंचन और रावण दहन ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को प्रस्तुत करते इस भव्य आयोजन में विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कलाकारों ने अपने सजीव अभिनय ने सभी का मन मोह लिया। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ प्रणव पण्ड्या व श्रद्धेया शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि जिस प्रकार श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म और संस्कृति की रक्षा की, उसी प्रकार हमें भी अपने भीतर की आसुरी प्रवृत्तियों का अंत करना चाहिए और दिव्यता का विकास करना चाहिए। रामलीला मंचन में दशरथ, राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि पात्रों का अभिनय अत्यंत प्रभावशाली रहा। समापन पर 30 फीट ऊँचे रावण के साथ कुंभकरण एवं मेघनाथ के पुतलों का भी दहन किया गया, जिसे ‘संस्कार एवं संस्कृति के विजय दिवस’ के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में देसंविवि के छात्र-छात्राओं, देश-विदेश से पधारे अतिथियों एवं निकटवर्ती क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। इस अवसर पर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया था। प्रमुख कलाकारों में डॉ नीलमणि, डॉ देवाशीष गिरी, अंकित, राम प्रताप, फिरोज, नीरज, दूर बादल आदि कलाकारों के अभिनय को खूब सराहा गया।