डॉक्टर आचार्य सुशांत राज
देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि 20 अक्तूबर दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 21 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर है। चूंकि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन सूर्यास्त के बाद किया जाता है, इसलिए इस साल दिवाली 20 अक्तूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
लक्ष्मी पूजा के लिए 20 अक्टूबर को शाम 07:08 से रात 08:18 तक का समय शुभ रहेगा। वहीं इस दिन प्रदोष काल शाम 05:46 से रात 08:18 तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं। कई लोग इस दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं।
दीवाली पूजन सामग्री सूची :-
भगवान गणेश एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा
लाल रंग का साफ कपड़ा (चौकी या आसन बिछाने हेतु)
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
शुद्ध जल या गंगाजल
हल्दी, कुमकुम, अक्षत (चावल), इत्र
ताजे फूल, फूलों की माला
सुपारी, लौंग, इलायची
धूप, अगरबत्ती, कपूर
खील, बताशे, गन्ना, सिंघाड़ा
मौसमी फल एवं मिठाई
चांदी के सिक्के या अन्य पूजनीय धातु
मिट्टी के दीये, तेल या घी (दीप जलाने के लिए)
कलश (जल से भरा, नारियल एवं आम के पत्तों सहित)
पूजा विधि :-
सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें और स्नान करें.
घर के मंदिर और पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें.
चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें.
पूजन सामग्री, जैसे – चावल की ढेरी, फूल, फल, मिठाई, खील-बताशे अर्पित करें.
अखंड दीपक जलाएं.
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती करें.
पूजा पूर्ण होने के बाद घर के हर कोने, दरवाजे और आंगन में दीपक प्रज्वलित करें.