एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून, 19 अगस्त। संस्कार प्रणेता प्रेरणाश्रोत आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महाराज का चातुर्मास के अंतर्गत आज देहरादून आगमन आनंद चौक तिलक रोड पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में अत्यंत हर्षोल्लास और भक्ति भाव से हुआ। मंगल प्रभाति यात्रा प्रातः 7:45 बजे श्री जैन भवन, गांधी रोड से आरंभ हुई, जो विभिन्न प्रमुख स्थलों – जैन कॉलोनी, धामावाला, सराफा बाजार, कमल मार्केट, पीपल मंडी चौक, बैंड बाजार, अखाड़ा मोहल्ला, भंडारी चौक से होती हुई श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, झंडा बाजार पहुंची। जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। प्रातः 8:30 से 9:30 बजे तक मंदिर में आचार्य श्री का मंगल प्रवचन आयोजित हुआ। अपने सारगर्भित प्रवचनों में आचार्य श्री ने कहा “रावण के भीतर इगो था–जब तक इगो रहता है, ईश्वर बाहर रहता है। ई मतलब ईश्वर और गो मतलब जाना। जब भीतर कुछ और और बाहर कुछ और होता है, तो मन विचलित रहता है। इंसान का आत्मविश्वास सही दिशा में हो, यह जरूरी है। आज की राजनीति और धर्मनीति शर्तों पर आधारित हो गई हैं, जिससे मनुष्य के अंदर षडयंत्रों का जागरण होता है।” जिसके फल स्वरुप परिवार का समाज का विघटन होता है। जो नहीं होना चाहिए सही और गलत की पहचान भी गुरुओं के संतो के संगति और संगत से आभास होती हैं। जिससे हम कई तरह की विसंगतियों से दूर रहकर गुरु हमारा सही मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रवचन के पश्चात आचार्य श्री का प्रवास श्री मनोहर लाल जैन धर्मार्थ चिकित्सालय और श्री आयुष जैन (सीमेंट वालों) के निवास स्थान, आनंद चौक पर आरंभ हुआ। दोपहर 3:00 बजे श्रद्धालुओं के लिए शंका समाधान सत्र आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। संध्याकालीन कार्यक्रमों में भी गुरु भक्ति के भावपूर्ण आयोजन हुए। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मधु जैन (मीडिया कोऑर्डिनेटर, देहरादून जैन समाज) ने बताया कि कार्यक्रमों की श्रृंखला में कल दोपहर 3:00 बजे, तुलसी प्रतिष्ठान, तिलक रोड पर आचार्य श्री द्वारा वर्षायोग के निमित्त ज्ञानवर्षा की जाएगी। इस आयोजन में न केवल जैन समाज, बल्कि सभी धर्मों के श्रद्धालु सादर आमंत्रित हैं।