एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। उत्तराखंड राज्य अनुसूचित जाति/जनजाति उप योजना उत्तराखंड सरकार के सदस्य जयपाल वाल्मीकि ने महर्षि वाल्मीकि सेना के पदाधिकारीयों के प्रतिनिधि मंडल के साथ आज उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन से सचिवालय में मुलाकात की और उन्हे निकायों के सफाई कर्मचारियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सोपा। ज्ञापन में अवगत कराया गया की उत्तराखंड राज्य में स्थानीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा सफाई कर्मचारी और मोहल्ला स्वच्छता समिति में लगभग 21 वर्ष से नाला गैंग में लगभग 16 वर्षों से सफाई कर्मचारी सफाई का कार्य कर रहे हैं, जिनको की प्रतिमा 15000 हजार रुपया दिया जाता है, जो की समान कार्य समान वेतन के अनुरूप बहुत कम है। यह कर्मचारी स्थाई कर्मचारियों के सामान कार्य करते हैं, जानकारी में आया है कि उक्त कर्मचारियों का समूह घ में होने के कारण नियमितीकरण नहीं हो पा रहा है, क्योंकि छठे वेतनमान लागू होने पर समूह घ के पद समाप्त कर दिए गए थे। सफाई का कार्य अति आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आता है, जिसके लिए स्थाई पदों का होना आवश्यक है।
इस संबंध में उत्तराखंड राज्य अनुसूचित जाति/जनजाति उप योजना उत्तराखंड सरकार के सदस्य जयपाल वाल्मीकि ने कहा की उक्त कर्मचारी का समूह घ श्रेणी से अलग कर दीया जाऐ तो इनका नियमितीकरण व स्थाई नियुक्ति हो सकती है। उक्त कर्मचारी रुपए 15000 हजार मासिक वेतन में परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ है। उन्हें कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है, इतने कम वेतन में बच्चों की शिक्षा दीक्षा, घर का किराया तथा रोजमर्रा की जरूरते पूरी नहीं हो पाती है। मानव दृष्टि रखते हुए समान कार्य का समान वेतन या श्रेणी अलग कर और नियमितीकरण को लेकर कार्रवाई की जाए जिससे कि शोषित, वंचित, पीड़ित, इस समाज को न्याय मिल सके।
मुख्य सचिव ने जल्द ही इस समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया और शहरी विकास सचिव से जल्द ही वार्ता के लिए कहा। ज्ञापन देने वालों में धर्मवीर गहलोत प्रदेश अध्यक्ष, सोनू गहलोत प्रदेश प्रमुख महामंत्री, अशोक कुमार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, मोहनलाल प्रदेश मंत्री, अमित कुमार प्रदेश मंत्री, रमेश छाछर संगठन मंत्री, अर्जुन गहलोत महानगर महामंत्री, हर्ष गहलोत महानगर उपाध्यक्ष शामिल थे।