करवा चौथ 20 अक्तूबर को मनाया जाएगा

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुए बताया कि करवा चौथ हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ 20 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस दिन, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन को बनाए रखने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं जिसका पारण चांद निकलने पर किया जाता है। करवा व्रत की शुरुआत हमेशा सरगी खाने से होती है, जो सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले खाई जाती है। इस दौरान करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस साल करवा चौथ पर भी भद्रा का साया रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को शुभ माना गया है। कहा जाता है कि भद्रा शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है। इस वर्ष करवा चौथ पर 20 अक्तूबर को 21 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय 20 अक्तूबर 2024 को शाम 5:46 बजे से शुरू हो रहा है। यह शुभ मुहूर्त 19:02 तक रहेगी। करवा चौथ के दिन भद्रा सुबह 06:24 से 06:46 तक रहती है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत भद्रा काल शुरू होने से पूर्व ही हो जाएगी। ऐसे में व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लें और व्रत का संकल्प ले लें। हालांकि करवा चौथ की पूजा के समय भद्रा नहीं है फिर भी यदि महिलाओं को भद्रा का भय सता रहा है वो नीचे दिए गए मंत्र का जाप कर सकती हैं।
धन्या दधमुखी भद्रा महामारी खरानना।
कालारात्रिर्महारुद्रा विष्टिश्च कुल पुत्रिका।
भैरवी च महाकाली असुराणां क्षयन्करी।
द्वादश्चैव तु नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।
न च व्याधिर्भवैत तस्य रोगी रोगात्प्रमुच्यते।
गृह्यः सर्वेनुकूला: स्यर्नु च विघ्रादि जायते।
इस मंत्र के जाप से भद्रा का भय कम होता है और वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं खत्म होती हैं।

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