ठोकर को भी देता हूं धन्यवाद : हरीश रावत

एस.के.एम. न्यूज सर्विस

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज अपने फेसबुक अकाउंट में लिखा की मैं विचारक नहीं हूं, व्यवहारिक हूं, चलता रहता हूं, ठोकर खाता हूं! ठोकर को भी धन्यवाद देता हूं फिर भी आगे चलता हूं। जब आज राज्य में राज्य सरकार केवल एक ही मंत्र का जाप कर रही है अतिक्रमण-अतिक्रमण, अतिक्रमण!  हरीश रावत का का कहना है कि मैं उन सब गोट, खत्तों, वन ग्रामों ऐसी बसासतों के साथ हूं जो राज्य निर्माण से पहले उत्तराखंड में बनी हैं। राज्य निर्माण के वक्त इन बसासतों में बसने वाले लोगों ने भी एक सपना देखा था कि जब हमारा राज्य बनेगा और जिस मिट्टी पर हम खड़े हैं उस पर हमारा अधिकार होगा। मुझ जैसे कुछ लोग भी हैं जिन लोगों ने इन बसासतों को बसाने में सहयोग दिया, बिंदुखत्ता, पुछड़ी, सुंदरखाल से लेकर के कई ग्राम ऐसे हैं जिनको बसाने में हमने सहयोग दिया, बसाने वालों के साथ खड़े हुए। हमारी शिकायतें भी हुई लेकिन हमने छाती ठोक कर के कहा कि हमारा बस चलेगा तो हम 200 बिंदुखत्ता बसाएंगे। कांग्रेस को जब भी अवसर मिला राज्य निर्माण के बाद हमने इन बसासतों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की, गैंडी खत्ता क्षेत्र इसका ज्वलंत उदाहरण है। 2015 में आपदा पुनर्निर्माण कार्यों के दायित्व को पूरा करने के बाद हमारी सरकार ने भी इन बसासतों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की। कई बसासतों को जिनमें वनभूलपुरा भी सम्मिलित है, ऋषिकेश के कुछ क्षेत्र सम्मिलित हैं जिनको हमने नगरपालिकाओं का हिस्सा बनाया और इन बसासतों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की, जिनमें चुकम से लेकर सुंदरखाल तक और खटीमा में बग्गा चव्वन से लेकर टनकपुर, इधर मालधन चौड़ इन सब क्षेत्रों के लिए प्रक्रियाएं प्रारंभ की गई। वन गुज्जर कैसे जो जंगलों में रह गए हैं उनको बसाया जाए उसकी प्रक्रिया भी प्रारंभ की और यही नहीं किया रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट का कार्य प्रारंभ कर रिस्पना को एक मॉडल बनाया, जहां कुछ जमीनें निकालकर हमने कहा कि हम इन जमीनों पर बसाएंगे जो नदियों के खालों में बसे हुए हैं जिनको हम मलिन बस्तियां कहते हैं, हमने उनको मालिकाना हक देने का कानून बनाया। 35000 ऐसे घर बनाने की योजना का श्रीगणेश रुद्रपुर से किया। आज जब फिर इन सब पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर संकट आ रहा है तो मैं एक बार फिर जानबूझकर करके उस राह पर चल रहा हूं जिस राह पर ठोकर लगनी है, क्योंकि मैं जानता हूं जब भाजपा का दुष्प्रचार तंत्र काम करेगा, तो मुझे न जाने कैसी ब्रांडिंग किया जाएगा! और जब भाजपा मेरी कुब्रांडिंग प्रारंभ करेगी तो इन खत्तों और गोटों में रहने वाले लोग भी ताली बजाएंगे जैसा बिंदुखत्ता के लोगों ने बजाई, इसी विधानसभा के चुनाव में बजाई। लेकिन हमारा स्वभाव है राह पर चलना और चलते रहना, इसलिए हम बिंदुखत्ता हो या कोई खत्ता, गोट हो, कोई स्थान हो, जहां भी राज्य निर्माण से पहले बसे हुए लोगों को बिना किसी वैकल्पिक प्रबंधन के उजाड़ा जाएगा तो हरीश रावत उसके खिलाफ आवाज बुलंद करेगा।

 

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